रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने गत माह 25 दिसंबर को अटल जयंती के मौके पर लगभग 12 लाख किसानों को 3700 करोड़ रुपये से ज्यादा बोनस की राशि DBT के जरिये दी थी. रबी फसलों की बुआई और सिंचाई आदि के काम में किसानों को इस समय पैसे की सख्त जरूरत है. ऐसे में सरकार द्वारा दिया गया बोनस किसानों के लिए सौगात बन गया. मगर, बोनस पर बैंक वालों की बुरी नजर के कारण यह सौगात किसानों के लिए मुसीबत साबित हो रही है.

बैंक करनी बता रहा है तरह-तरह के नियम

सरकार की तरफ से किसानों को कोई सहूलियत मिलते ही सरकारी तंत्र का बंदर बांट शुरू हो जाता है. इसे रोकने के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ DBT के माध्यम से सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजने जैसे तमाम तकनीकी उपाय किए गए हैं. मगर, किसानों का हक मारने की विभागीय कर्मचारियों की लत अभी दूर नहीं हो रही है. किसानों ने शिकायत की है कि जब वे बोनस का पैसा अपने बैंक खाते से निकालने जा रहे हैं तो बैंककर्मी रिश्वत वसूलने के मकसद से उन्हें तरह तरह से परेशान कर रहे हैं. जिससे किसानों को अपने ही बैंक खाते से अपना पैसा निकालने में खासी परेशानी हो रही है.

सरकार हुई सख्त

मुख्यमंत्री साय ने किसानों की इन शिकायतों पर तत्काल प्रभाव से संज्ञान लिया है. उन्होंने बोनस का पैसा निकालने में सहकारी बैंकों के प्रबंधकों द्वारा टाल-मटोल किए जाने की शिकायतों पर गहरी नाराजगी जताई है. मुख्यमंत्री ने Apex Bank के वरिष्ठ अधिकारियों सहित सभी सहकारी बैंकों के प्रबंधकों को किसानों की मांग के आधार पर उनके खाते से पैसा निकालने में किसी तरह की बाधा उत्पन्न नहीं करने के निर्देश दिए हैं.

कलेक्टर को दिए आदेश

सीएम के निर्देश का पालन सुनिश्चित करने के लिए सभी जिलों के कलेक्टरों काे सरकार ने आदेश पारित कर दिया है. सरकारी आदेश में कहा गया है कि किसानों को बैंक खाते से पैसा निकाल कर देने में हीला-हवाली करने वाले बैंक कर्मियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाए. सीएम कार्यालय की ओर से बताया गया कि इस दिशा में कार्रवाई प्रारंभ भी कर दी गई है.

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