रायपुर। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) अपने बफर स्टॉक के लिए तेजी से धान की खरीद कर रहा है। छत्तीसगढ़ की नई सरकार को धान किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,203 रुपये के मुकाबले प्रति क्विंटल 3,100 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है. ऐसे में विशेषज्ञ का कहना है कि इससे राज्य में खरीद में कुछ सुधार हो सकता है. छत्तीसगढ़ में चावल की खरीद 31 दिसंबर तक 38.59 लाख टन बताई गई है, जो एक साल पहले के 51.61 लाख टन से 25 फीसदी कम है.
साल 2022 में अक्टूबर-दिसंबर के दौरान एफसीआई साल 2021-22 के मुकाबले 11 प्रतिशत अधिक धान की खरीदी की थी. नए आंकड़ों के अनुसार, पंजाब, हरियाणा और अन्य उत्तरी राज्यों में धान की खरीद दिसंबर में पूरी हो गई, जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यह जनवरी के अंत तक जारी रहेगी. एफसीआई पंजाब में 125.08 लाख टन धान खरीदने में कामयाब रही है, जो एक साल पहले के 121.91 लाख टन से 2 प्रतिशत अधिक है. इसी तरह हरियाणा में यह आंकड़ा साल 2022-23 में 39.51 लाख टन के मुकाबले 39.42 लाख टन है. इस वर्ष पंजाब में धान खरीद का लक्ष्य 122 लाख टन और हरियाणा में 40 लाख टन निर्धारित किया गया था.तेलंगाना में धान की खरीद 37.40 लाख टन से 28 प्रतिशत घटकर 27.11 लाख टन रह गई है.
एफसीआई ने इस साल चावल खरीद में समग्र गिरावट के लिए छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में चुनावों को जिम्मेदार ठहराया है और उम्मीद जताई है कि इस पर पर्दा डाल दिया जाएगा. लेकिन पिछले एक पखवाड़े में, तेलंगाना में अंतर और बढ़ गया है जबकि छत्तीसगढ़ में कुछ सुधार देखा गया है. इसी तरह ओडिशा में धान की खरीद में कुछ सुधार देखा गया है, क्योंकि 15 दिसंबर तक खरीद 39 प्रतिशत कम थी, जबकि अब यह 26 प्रतिशत कम है. दूसरी ओर, आंध्र प्रदेश में अंतर 56 प्रतिशत से अधिक बना हुआ है. एफसीआई अब तक ओडिशा में 8.93 लाख टन और आंध्र प्रदेश में 5.07 लाख टन धान खरीद सका है.