रायपुर।    22 जनवरी को अयोध्या के मंदिर में राम लला विराजमान होंगे. इस दौरान चुने गए पुजारी ही मंदिर में पूजा और हवन करेंगे. मंदिरों में पूजा करने के लिए पूरे देश से 24 पुजारी चुने गए हैं. ये सभी अभी ट्रेनिंग ले रहे हैं और गुरुकुल के नियमों का पालन कर रहे हैं. ट्रेनिंग ले रहे पुजारियों में कोई पुजारी ना मोबाइल इस्तेमाल कर सकता है, ना ही बाहरी व्यक्ति से मिल सकता है. पुजारियों को यह ट्रेनिंग राम मंदिर के महंत मिथिलेश नंदिनी शरण और महंत सत्यानारायण के द्वारा दी जा रही है. इन पुजारियों में दो पुजारी एससी यानि अनुसूचित जाति और दो ओबीसी यानि पिछड़ा वर्ग से हैं. गैर ब्राहम्ण लोगों के पुजारी चुने जाने पर स्वामी रामानंद ने बताया कि पुजारियों का सिलेक्शन केवल उनकी योग्यता के आधार पर किया गया है. मंदिर के लिए कुल 3240 पुजारियों ने परीक्षा दी थी. इनमे से केवल 24 पुजारियों को 14 कठिन सवालों के जवाब देने के बाद सिलेक्शन हुआ है. ऐसे में जाति की राजनीति करते हुए सनातन धर्म पर उंगली उठाने वालों के लिए यह निर्णय किसी झटके से कम नहीं है।

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