रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को ‘नरक चतुर्दशी’ व छोटी दीपावली के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ दी है।
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि जिस प्रकार आज ही के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का विनाश किया था, वैसे ही आप सभी के जीवन से चिंता और दु:खों का नाश हो तथा आप सभी को सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य और संपन्नता प्राप्त हो, यही कामना करता हूँ।
जानिए क्यों ये दिन कहलाता है रूप चतुर्दशी और नरक चतुर्दशी
पौराणिक कथाओं के अनुसार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था। इस राक्षस ने देवताओं और ऋषियों को बहुत परेशान कर रखा था। 16,000 कन्याओं को बंधक बना लिया था. चतुर्दशी तिथि के दिन नरकासुर का वध होने के कारण इस दिन को नरक चतुर्दशी और नरक चौदस कहा गया.नरकासुर के वध के बाद जब उसकी कैद में रहीं कन्याओं को मुक्ति मिली तो लोक-लाज के कलंक के डर से उन्होंने श्रीकृष्ण से कहा कि आपने हमें नरकासुर से तो बचा लिया, लेकिन समाज में अब हमें किस दृष्टि से देखा जाएगा। कौन हमसे विवाह करेगा. इसके बाद श्रीकृष्ण भगवान ने उन सभी को अपनी पत्नी का दर्जा दिया. इसके बाद उन सभी रानियों ने प्रसन्न होकर उबटन वगैरह लगाकर अपने रूप को संवारा और समाज में श्रीकृष्ण की रानी बनकर सम्मानजनक जीवन बिताया. यहीं से कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर उबटन लगाने की परंपरा शुरू हुई और इस दिन को रूप चतुर्दशी के नाम से जाना जाने लगा।