रायपुर। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बागी और भितरघाती सीटों का समीकरण बिगाड़ सकते हैं। दोनों पार्टियों की समीक्षा बैठकों में यह फीडबैक मिला है। इसमें सबसे अधिक नुकसान कांग्रेस को हो रहा है। इससे कांग्रेसियों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं। बीस बागियों में 12 कांग्रेस और आठ भाजपा के हैं। इनके अलावा 15 सीटों पर कांग्रेस को भितरघातियों से भी नुकसान पहुंचने की आशंका है। इस तरह कांग्रेस को 27 सीटों पर नुकसान हो रहा है, जिससे कांग्रेस का 75 पार का दावा सिमटता नजर आ रहा है। कांग्रेस और भाजपा के बीच अब बराबरी की टक्कर दिख रही है। तीन दिसंबर को परिणाम आने के बाद ही पता चल पाएगा कि बागियों और भितरघातियों ने किस पार्टी को कितना नुकसान पहुंचाया है।
टिकट की पहली सूची आने के बाद से ही कांग्रेस बागियों और भितरघातियों से परेशान रही। पार्टी ने ऐसे लगभग 50 नेताओं पर निष्कासन, निलंबन समेत अन्य कार्रवाई भी की है। वहीं आधा दर्जन से अधिक नेताओं को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण भी मांगा है। हालांकि कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की ही सरकार बनेगी। अच्छा फीडबैक मिला है। 75 पार सीटों के दावों पर उन्होंने कहा कि अभी इसमें ओवर कान्फिडेंस नहीं होना चाहिए।

कांग्रेस के बागी

जशपुर विधानसभा सीट से प्रदीप खेस कांग्रेस प्रत्याशी विनय भगत के खिलाफ, सक्ती विधानसभा अनुभव तिवारी प्रत्याशी डा. चरणदास महंत के खिलाफ, जैजैपुर से टेकचंद्र चंद्रा प्रत्याशी बालेश्वर साहू के खिलाफ, पामगढ़ से गोरेलाल बर्मन शेषराज हरबंश के खिलाफ, पाली-तानाखार से छत्रपाल सिंह दुलेश्वरी सिदार के खिलाफ, लोरमी से सागर सिंह बैस थानेश्वर साहू के खिलाफ, मुंगेली से रूपलाल कोसरे संजीत बनर्जी के खिलाफ, सरायपाली से विधायक किस्मतलाल नंद चातूरी नंद के खिलाफ, रायपुर उत्तर से अजीत कुकरेजा कुलदीप जुनेजा के खिलाफ, धमतरी से लोकेश्वरी साहू ओंकार साहू के खिलाफ, बालोद से मीना साहू संगीता सिन्हा के खिलाफ और कसडोल से गोरेलाल साहू संदीप साहू के खिलाफ चुनाव लड़ा है।

बिलासपुर महापौर निलंबित, अन्य पर भी कार्रवाई

कांग्रेस ने बिलासपुर के महापौर रामशरण यादव को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। उन पर पार्टी संगठन के खिलाफ अनर्गल वार्तालाप करने का आरोप है। वहीं जिन बागियों को छह साल के लिए निलंबित किया है, उनमें जशपुर से प्रदीप खेस, जांजगीर से गुड्डू महराज, सरायपाली किस्मतलाल नंद, पामगढ़ से गोरेलाल वर्मन, रायगढ़ से शंकर अग्रवाल, मुंगेली से रूपलाल कोसरे, भाटापारा से मनोहर साहू, संजारी बालोद से मीना साहू, पाली तानाखार से छत्रपाल सिंह कंवर, कवर्धा से योगेश्वर राज सिंह, सामरी से प्रभातबेला मरकाम, लैलूंगा से महेंद्र सिदार, वैशाली नगर से अजहर अली, अंतागढ़ से अनूप नाग, कांति नाग, दंतेवाड़ा से अमूलकर नाग, महासमुंद से विश्वजीत बेहरा और बिलासपुर से प्रेमचंद्र जायसी शामिल हैं।

इन सीटों पर एक से अधिक पर कार्रवाई

रायपुर उत्तर से अजीत कुकरेजा, आनंद कुकरेजा, सागर दुल्हानी, बिल्हा से शिव ध्रुव, निर्मल दिवाकर, लोरमी से महेंद्र सिदार, सागर सिंह बैस, सूरज बर्मन, बालोद से सत्येंद्र साहू, पीमन साहू, ललिता साहू, तुकाराम, हलधर, कोंडागांव से मनीष श्रीवास्तव, शिशिर श्रीवास्तव, सुरेश पाटले, कसडोल से गोरेलाल साहू, मनोज अडिल, मरवाही से गुलाब सिंह राज, शंकर पटेल, मुद्रिका सिंह सर्राटी, नारायण आर्मो, अजीत सिंह श्याम, गजरूप सिंह सलाम, दयाराम वाकरे, विवेक पोर्ते, तूफान सिंह धुर्वे और प्रताप सिंह मरावी शामिल हैं।

भाजपा के बागी

भटगांव विधानसभा सीट से राम बाई देवांगन भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मी राजवाड़े के खिलाफ, जशपुर से शिव भगत रायमुनि भगत के खिलाफ, रायगढ़ से गोपिका गुप्ता ओपी चौधरी के खिलाफ, मस्तुरी से चांदनी भारद्वाज डा. कृष्णमूर्ति बांधी के खिलाफ, वैशालीनगर से जेपी यादव और संगीता केतन शाह दोनों प्रत्याशी रिकेश सेन के खिलाफ, गुंडरदेही से आरके राय वीरेंद्र साहू के खिलाफ, रायपुर उत्तर से सावित्री जगत पुरंदर मिश्रा के खिलाफ चुनाव लड़ा है।

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