बिलासपुर।     मुंगेली जिले के लालपुर थाना अंतर्गत पेंड्री गांव स्थित तालाब में सोमवार को स्नान करने से लोगों की बीमारियां ठीक हो जाती है। बीते एक महीने से इसी विश्वास को लेकर गांव में दूर-दराज के लोग पहुंच रहे हैं। सोमवार को इतनी भीड़ पहुंची की लोग अपने परिवार से बिछड़ गए। चार लोगों का देर शाम तक पता नहीं चल पाया। भीड़ और लोगों के गायब होने की सूचना पर प्रशासन की टीम भी गांव पहुंच गई। देर रात तीन लोगों को खोज निकाला गया। वहीं, एक का अब भी पता नहीं चल पाया है। ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि एक व्यक्ति अपने गांव लौट गया है।

मुंगेली जिले के लालपुर थाना अंतर्गत पेंड्रीतालाब गांव के खार में पुराना तालाब है। इसी तालाब में सोमवार को स्नान करने से पुरानी बीमारियां ठीक हो जाती है। बीते चार सप्ताह से इसी विश्वास से लोगों की भीड़ गांव पहुंच रही है। सोमवार 27 नवंबर को इतनी भीड़ पहुंची की कई लोग अपने परिवार से अलग हो गए।

भीड़भाड़ के बीच लोगों को खोज पाना असंभव होने लगा। देर शाम तक चार लोगों का पता ही नहीं चल पाया। इसकी जानकारी पुलिस और प्रशासन तक पहुंच गई। इस पर पुलिस और प्रशासन की टीम भी गांव पहुंच गई। प्रशासन की पहल पर हुई खोजबीन के बाद शत्रुहन लाल और जेठिया दिवाकर व फेकन बाई खोज कर स्वजन के हवाले किया गया। वहीं, मस्तूरी क्षेत्र के ग्राम लावर कोनी निवासी वासुदेव कैवर्त का मंगलवार की सुबह तक पता नहीं चल पाया। पुलिस के मुताबिक वासुदेव की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। कुछ लोगों ने उन्हें अपने गांव की ओर जाते हुए देखा है। इधर वे अपने गांव तक नहीं पहुंचे है। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।

सालों पहले दिया आर्शीवाद अब हो रहा फलीभूत

गांव के लोगों ने बताया कि सालों पहले गांव में साधुओं का एक दल आया था। साधुओं ने गांव के तालाब के पास अपना डेरा जमाया। इधर गांव वालों ने साधुओं के आने पर उनकी खूब आवभगत की। गांव वालों के व्यवहार से साधु बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने जाते हुए गांव के लोगों को आर्शीवाद दिया। इसके बाद सब कुछ पहले जैसा ही चल रहा था। अब जाकर साधुओं का आर्शीवाद फलीभूत हो रहा है। गांव वालों का कहना है कि जिस तालाब में साधुओं ने स्नान किया वहां सोमवार को स्नान करने से पुरानी बीमारियां ठीक हो जाती है।

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