कोरबा। कांग्रेसियों और भाजपाइयों के बीच प्रचार को लेकर विवाद हो गया। भाजपा प्रत्याशी के मोहल्ले मैं कांग्रेस के पक्ष में प्रचार करने जाने वालों का विरोध करने से माहौल मैं तल्खी आ गई। पुलिस हस्तक्षेप के बाद कांग्रेस प्रत्याशी ने निर्धारित आमसभा में पहुंचकर लोगों को संबोधित किया। आमसभा में मौजूद लोगों ने कहा कि भाजपाइयों द्वारा प्रचार में बाधा उत्पन्न करने का एकमात्र कारण है उनकी हताशा।
मतदान की तिथि यानी 17 नवंबर जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है चुनाव लड़ने वालों की धड़कनें भी बढ़ने लगी हैं। प्रचार के सभी तरीके अपनाने के बाद अब प्रलोभन तक बात पहुंचने लगी है। यही नहीं अब जनबल का उपयोग एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए भी किया जाने लगा है। बीती श्याम एक ऐसा ही नजारा देखने को समय मिला जब भाजपा प्रत्याशी लखन लाल देवांगन के मोहल्ले कोहड़िया चारपारा के प्रवेश द्वार पर बस्ती में आयोजित आमसभा में भाग लेने के लिए कांग्रेसी कार्यकर्ता वहां पहुंचे। कांग्रेस प्रत्याशी के विरोध में यहां नारेबाजी शुरू हो गई और कहा जाने लगा कि आप लोग अंदर नहीं जा सकते।
कोहड़िया में प्रवेश करने से रोकने की खबर आम हुई पुलिस को सूचना दी गई पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने समझा बुझा कर लोगों को प्रवेश द्वार से हटाया। कांग्रेस प्रत्याशी निर्धारित समय पर जब आम सभा को संबोधित करने पहुंचे तो वहां बड़ी तादाद में लोग एकत्रित थे। जयसिंह अग्रवाल ने यहां कांग्रेस के घोषणा पत्र की बात की।
इस आम सभा में जय सिंह अग्रवाल ने कोहडिया के प्रवेश द्वार पर कांग्रेस जनों को रोकने के बारे में कुछ नहीं कहा लेकिन सभा के पश्चात मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने अपना विरोध जाता ही दिया। कांग्रेस प्रत्याशी जयसिंह अग्रवाल के अलावा इस आम सभा में पहुंचे कांग्रेस के अन्य पदाधिकारी का कार्यकर्ताओं ने लोगों से कहा कि वह निर्भय होकर वोट डालें। किसी से डरने की जरूरत नहीं है अगर कोई डराएगा तो हम इसका विरोध करेंगे।
इस पूरे प्रकरण पर यह कहना लाजमी होगा कि कोरबा विधानसभा क्षेत्र के कोहड़ियां मोहल्ले में जो कुछ हुआ उसे लोकतंत्र के स्वास्थ्य के लिए उचित नहीं माना जा सकता। किसी प्रत्याशी अथवा उनके समर्थक के मोहल्ले या गांव में प्रतिद्वंदी दल का नेता यदि अपने भाव प्रकट करने जाता है तो उसका विरोध इस तरह से नहीं किया जाना चाहिए जैसा मंगलवार को कोहडिया चार पारा में हुआ. ऐसा प्रदर्शन यदि सभी प्रमुख प्रतिद्वंद्वी और उनके समर्थक करने लगे तो लोकतंत्र लोकतंत्र कहां रह जाएगा. हम विशाल देश व प्रदेश की जगह कबीलाई परंपरा का निर्वहन करने लगेंगे।
प्रत्येक व्यक्ति व प्रत्याशी कहीं ना कहीं अपने लिए विशिष्ट स्थान बनाए होता है वहां के अधिकांश लोग, पड़ोसी ,मोहल्ला या गांव का होने के नाते अधिक समर्थन व प्यार करते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता कि कोई दूसरे गांव या मोहल्ले का व्यक्ति वहां प्रवेश न कर सके. इस सोच को तिरोहित करना होगा. जिस भी पार्टी अथवा व्यक्ति के समर्थको ने कोहडिया चारपारा में अलोकतांत्रिक कृत्य किया है उन पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी भी उनकी है. उन्हें चाहिए कि जिन लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया था उन्हें समझाया जाए कि लोकतंत्र को मजबूत करना हम सब की जिम्मेदारी है. हम एक राष्ट्र एक प्रदेश और एक शहर या गांव के लोग हैं. चुनाव के बाद भी हम सबको एक साथ रहना है. इसलिए मतभेद तो चलेगा लेकिन मनभेद कदापि ना हो यह प्रयत्न हम सबको मिलकर करना होगा।