बिलासपुर। अगहन के पहले गुरुवार को घरों में मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा हुई। कलश स्थापना कर भक्तों ने माता को प्रसन्न किया। अंचल में पर्व को लेकर खासा उत्साह नजर आया। घर के मुख्य द्वार से लेकर पूजा स्थल तक चावल के आटे से मां लक्ष्मी के पैरों के निशान बनाए गए थे। आंवले और आम के पत्तों से बने तोरण सजाकर मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित की गई। कटोरे में धान रखकर दीपक जलाए गए। मां लक्ष्मी का आह्वान कर घर में आमंत्रित किया गया।

गुरुवार को सूर्सोदय से पूर्व स्नान किया गया। पूजा के लिए नारियल, केला, सिंघाड़ा, आंवला, बेर, सीताफल, धान की बाली, लौकी, आंवला, पान, कपड़ा, टोकरी, प्याज, तेल, घी, चीनी, चावल एकत्र कर पूजा स्थल में रखा गया। चौकों को गाय के गोबर से लिपा गया। चावल के आटे को पानी में घोलकर मां लक्ष्मी के चरण बनाए गए। मुख्य द्वार को रंगोली से सजाया गया था। आंगन से लेकर पूजा घर तक मां लक्ष्मी के पैरों के निशान, स्वस्तिक, सांप आदि के चित्र बनाए गए थे। दोपहर के समय चावल के पकवान का भोग लगाया गया। शाम को आरती कर प्रसाद वितरण किया गया।

अब इन तारीखों को पड़ेगा अगहन गुरुवार

30 नवंबर को अगहन का पहला गुरुवार था अब दूसरा गुरुवार सात दिसंबर तीसरा 14 दिसंबर एवं अंतिम गुरुवार 21 दिसंबर को पड़ेगा। बता दें कि अगहन मास में दान पुण्य का भी विशेष महत्व रहता है। यही कारण है इस मास में लोग खुलकर दान देते हैं। मंदिरों में बड़ी संख्या में भीड़ जुटती है।

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