बिलासपुर। प्रमोशन में आरक्षण मामले पर कुछ माह पहले सुरक्षित आदेश हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जारी किया है। कोर्ट में प्रमोशन में आरक्षण पर लगी रोक के आदेश में संशोधन या फिर उसे रद्द करने राज्य शासन की मांग को खारिज कर दिया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की डिवीजन बेंच ने मामले की अंतिम सुनवाई जनवरी 2024 में तय की है।

राज्य सरकार ने 22 अक्टूबर 2019 को प्रदेश में प्रमोशन पर आरक्षण के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था। इस नोटिफिकेशन में प्रथम से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ देने की बात कही थी। इस बार अनुसूचित जाति को 13 फीसदी, अनुसूचित जनजाति को 32 फ़ीसदी, आरक्षण की व्यवस्था की गई है। नोटिफिकेशन में स्पष्ट किया गया था कि यह आरक्षण प्रथम श्रेणी के पदों से प्रथम श्रेणी के उच्च वेतनमान के पदों पर प्रमोशन होने, द्वितीय श्रेणी के पदों से प्रथम श्रेणी के पदों पर पदोन्नति होने, और तृतीय श्रेणी के पदों पर पदोन्नति होने पर दिया जाएगा।

राज्य सरकार की अधिसूचना के खिलाफ रायपुर के एस संतोष कुमार ने अधिवक्ता योगेश्वर शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया कि यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश और आरक्षण नियम के विपरीत है। इसलिए राज्य शासन द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन को निरस्त किया जाना चाहिए।

याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य शासन की अधिसूचना पर रोक लगा दी थी। सुनवाई के दौरान शासन की तरफ से महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने अधिसूचना तैयार करने में गलती होना स्वीकार किया था। इस गलती को सुधार करने के लिए कोर्ट ने एक सप्ताह का समय दिया था। पर रोक लगा दी थी। साथ ही सरकार को नियमानुसार दो माह में फिर से नियम बनाने के आदेश दिए थे। कोर्ट के इस आदेश में संशोधन या निरस्त करने राज्य शासन ने आवेदन किया था। अदालत ने शासन के इस आवेदन को खारिज कर दिया है।

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