बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर विधानसभा चुनाव को संपन्न कराने तीन नवंबर को मतदान दलों को रवाना किया गया था। कई ऐसे मतदान दल जिन्हें हेलीकाप्टर से ले जाने के बाद 8-10 किमी पैदल भी चलना पड़ा। मतदान दल के कर्मचारियों ने बताया कि ये सब नक्सलियों के चेतावनी के कारण झेलना पड़ा। वहीं मतदान समाप्ति बाद ईवीएम मशीन, पीठासीन अधिकारी को हेलीकाप्टर से मुख्यालय ले गए, लेकिन बाकी मतदान कर्मियों को तीन दिन कैंप में रखा गया। हेलीकाप्टर के इंतजार में कर्मचारी फंसे रहे।
जानकारी के अनुसार बीजापुर विधानसभा के पुसनार, गंगालूर तर्रेम, पामेड़, बेदरे, फरसेगढ़, कुटरू, उसूर व मिरतुर क्षेत्र के सैकड़ों मतदान कर्मियों को हेलीकाप्टर द्वारा गुरुवार सुबह से लाने का क्रम जारी है। बीजापुर के एएसपी चंद्रकांत गवर्ना ने बताया कि मतदान कर्मियों को सुरक्षा की दृष्टि से कैंप में रखा गया था। ईवीएम व पीठासीन अधिकारी को मतदान के दूसरे दिन लाया गया। अतिसंवेदनशील क्षेत्र होने के कारण मतदान कर्मियों को सुरक्षित हेलीकाप्टर से बीजापुर लाया जा रहा है। कैंप में मिली सहायता लेकिन परिवार की चिंता से परेशान रहे।
गंगालूर, पुसनार व रेड्डी में रूके मतदान कर्मियों ने बताया कि केंप में सुरक्षित रहे लेकिन मतदान समाप्ति के बाद तीन दिन तक एक स्थान पर रहना का तकलीफ महसूस हुआ। कारण बिना काम के कैंप के अंदर पड़े रहना। साथ ही परिजनों की चिंता हम लोगों को परेशान करता रहा। नेटवर्क होने के बाद भी हम लोगों को अपने घर पहुंचने की चिंता रही।