
बिलासपुर। सर्दी का मौसम आ चुका है। सूर्योदय के साथ सैर सपाटे के लिए लोग उठने लगे हैं। खान पान को लेकर भी जागरूकता बढ़ी हैं। चिल्हर बाजार में एक ओर जहां हरी साग सब्जियां मन मोह रही है तो वहीं सेहत का रक्षक पालक, मेथी सरसो समेत एक से बढ़कर एक भाजियां ललचा रही है।
ठंडी के मौसम में खाने-पीने की ढेरों वेरायटी मिलती है। खासकर, बाजार में हरी सब्जियों की भरमार देखने को मिलती है। इस सीजन में कई तरह के साग मिलते हैं।
ये साग ना सिर्फ सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं, बल्कि खाने का स्वाद भी दोगुना कर देते हैं। सबसे प्रमुख पालक, मेथी सरसो, लाल, चावलाई व कुम्हड़ा सहित बथुआ, सहजन (मुनगा), अरबी, चना पत्ता आदि के साग अधिकतर लोग खरीदना और खाना पसंद करत हैं। ऐसा माना जाता है कि इस सीजन में इन भाजियों के सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। शरीर में आयरन की कमी दूर होती है। भाजी खाने के कई अनेक लाभ हैं। आयुर्वेद में इनका विस्तार से उल्लेख भी मिलता है। हालांकि यह भी सत्य है कि छत्तीसगढ़ को भाजियों का राज्य कहा जाता है यहां 36 प्रकार की भाजियां बड़ी आसानी से मिल जाती है। जो किसी अन्य राज्य में मुश्किल है।
प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व:डा.अश्वनी
गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के वनस्पति विशेषज्ञ डा.अश्वनी दीक्षित का कहना है कि सर्दी के सीजन में भाजियों का अहम रोल है। स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद लाभदायक है। बशर्तें इन्हें ठीक से धोकर उपयोग करना चाहिए। राज्य में इसे चाव से खाया जाता है। इन भाजियों में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। जैसे आयरन, फ्लेवोनाएड्स, पालीफेनाल्स, विटामिन ए, सी, के, पोटैशियम, मैंगनीज आदि। यह शरीर में आक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं और शरीर को फ्री रैडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। इतना ही नहीं, इससे आपकी इम्यूनिटी बूस्ट होती है। पाचन अच्छा रहता है।